साईबर आपराधियों से बचके रहना

साईबर आपराधियों से बचके रहना

साईबर आपराधियों से बचके रहना
साईबर आपराधियों से बचके रहना
कृषि प्रधान राज्य झारखंड में जैसे - जैसे स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच बढ़ रही है , साइबर धोखाधड़ी का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है । इसका सबसे ज्यादा खतरा ग्रामीण , अल्पशिक्षित , तकनीक के कम जानकार और बुजुर्गों को है । अच्छी बात यह है कि जरा - सी सावधानी रखकर ऐसे 95 प्रतिशत तक खतरों से बचा जा सकता है ।
आज की आर्टिक्ल में हमने लाये है ऐसे ही कुछ साइबर क्रिमिनल से जुड़े कंटैंट और किन किन सावधानियाँ बरतनी चाहिये  हमें

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                                                  image by - Ars Technica
मैथिलीशरण गुप्त ने अपनी कविता ' अहा ग्राम्य जीवन ' में गांव की जो खूबियां गिनाई हैं , वे सब बिहार के सरलमना जनजीवन में हैं । यहां लोग भरोसा करते हैं और मदद के लिए तत्पर रहते हैं । लेकिन अब एक अंतर आ गया है । स्मार्टफोन , कंप्यूटर और इंटरनेट की पहुंच होने के बाद सारी दुनिया खुल गई है और इसी के साथ हम साइबर खतरों की जद में आ गए हैं । झारखंड में फिलहाल साढ़े छह करोड़ से अधिक स्मार्टफोन यूजर हैं , इससे समझा जा सकता है कि प्रभावित हो सकने वालों की संख्या कितनी अधिक है । रांची जमशेदपुर जैसे जागरूक महानगर की बात करें तो यहां भी 2012 की तुलना में 2019 में साइबर अपराधों में 5 . 5 गुना वृद्धि हुई है । साइबर क्राइम के मामलों को दो तरह से बांटा जा सकता है । फोन कॉल के माध्यम से संभव , और दूसरे , इंटरनेट के इस्तेमाल से घटित हो सकने वाले । तू डाल - डाल में पात - पात की तर्ज पर धोखेबाज हर समय अपनी शैली और तरीका बदलते रहते हैं , परंतु कुछ प्रचलित तरीकों को ध्यान में रखकर सावधानी बरती जाए तो बहुत हद तक बचा जा सकता है । संपर्क का माध्यम फोन , ई - मेल , सोशल साइट्स , वेबसाइट्स , कुछ भी हो सकता है ।
लव , दोस्ती और धोखा 

• लॉटरी जीतने , वसीयत पाने , लकी विनर चुने जाने अथवा मुफ्त यात्रा या स्वास्थ्य बीमा आदि के लालच में पड़कर आप निशाने पर आ सकते हैं । किसी भी तरह के प्रलोभन से बचें और यह जानें कि मुफ्त में कुछ नहीं मिलता । कई बार उसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है ।
• लाइलाज रोगों की चमत्कारिक दवा के नाम पर ठगी की शुरुआत होती है । प्रचार में फंसकर कॉल करने पर भले तुरंत नुकसान न हो , किंतु ऐसे लोगों के नेटवर्क में फोन नंबर आदि डेटा खरीदा - बेचा जाता है । फिर आपको फ्रॉड कॉल आने की संभावना बढ़ जाती है ।
•बैंक खाते के ऑनलाइन प्रयोग में समझदारी और सतर्कता बरतकर काफी हद तक सुरक्षित हो सकते हैं । बेहतर होगा कि कम राशि के साथ एक खाता अलग से सक्रिय रखें । उसी में नेट बैंकिंग का प्रयोग करें । नेट बैंकिंग , एटीएम आदि के संचालन में सिर्फ परिजनों और विश्वसनीय परिचितों की मदद लें । अनजान लोगों की पेशकश पर भरोसा बिल्कुल न करें ।
•बैंक से वैरिफिकेशन कॉल , पेंशन कार्यालय या आधार सेवा से कॉल के झांसे में न आएं । यहां से आपकी निजी जानकारियां कभी नहीं मांगी जातीं । अनजान व्यक्तियों से फोन पर इस संबंध में बात करने से मना कर दें । किसी भी तरह से पहचान संबंधी जानकारी , बैंक खाते , क्रेडिट कार्ड , पैन अथवा आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी फोन पर उपलब्ध कराने से इनकार कर दें ।
• कभी किसी बच्चे के स्वास्थ्य या किसी बड़े ऑपरेशन में खर्च का हवाला देकर भी पैसे ठग लिए जाते हैं । यही नहीं , दोस्त / रिश्तेदार अगर फेसबुक या वॉट्सऐप मैसेज के जरिए आर्थिक मदद मांग रहा हो तो पहले सीधे फोन करके उससे बात करें । हो सकता है उसका फेसबुक हैक करके कोई अपराधी ये मैसेज भेज रहा हो ।
• स्मार्टफोन के इस्तेमाल में सतर्कता बरतें । आप चाहें तो सेटिंग्स में जाकर ऐप स्टोर से नए ऐप इंस्टॉल की सुविधा को ही बंद कर सकते हैं , ताकि भ्रामक प्रचार पर क्लिक करके किसी अनावश्यक ऐप को इंस्टॉल न कर बैठें । मिस्ड कॉल पर कॉल बैक से परहेज करें और मशीन की आवाज या अपने आप आए मार्केटिंग फोन पर दिए जा रहे निर्देशों , जैसे एक या दो विकल्प दबाएं – पर प्रतिक्रिया ना दें और फोन काट दें । ध्यान रहे , आपके कॉलर आईडी या ट्रकॉलर जैसी सेवा पर जो नाम दिख रहा है , जरूरी नहीं कि वह सही हो ।
• अपरिचित मेल या मैसेज से सावधान रहें । मेल खोलते समय भेजने वाले पते में डोमेन नेम सही - सही देखें तभी उस पर यकीन करें । बैंक या ऑनलाइन शॉपिंग साइट के समान लगने वाले नाम या मूल नाम में कुछ और जोड़कर स्कैमर्स आपका भारी नुकसान कर सकते हैं । समान दिखने वाली साइट बनाकर आपके पासवर्ड और डेटा की चोरी या अकाउंट हैक किया जा सकता है ।
• अनावश्यक लिंक पर क्लिक न करें । कई बार लिंक छोटा करके लिखा गया होता है और असली वेबसाइट का नाम छुपा होता है । ऐसे लिंक को अलग से कॉपी - पेस्ट कर जांच लें । हर फाइल डाउनलोड न करें , उससे भी वायरस आ सकते हैं ।
•विदेशी महिलाओं की फ्रेंड रिक्वेस्ट डिलीट कर दें , बशर्ते उनसे पहले से परिचय न हो । बहुत - से मामलों में इनके पीछे अपराधी होते हैं । फेक प्रोफाइल से चैट करने से बचें । इंटरनेट पर काफी
संभावना है कि आप जो समझ रहे हैं , सामने वाला बिल्कुल उलट हो । यानी महिला की जगह पुरुष या डॉक्टर के नाम पर मैकेनिक ।
सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए गूगल सर्च करके किसी भी साइट से कुछ भी डाउनलोड कर इंस्टॉल न करें । अपने कंप्यूटर पर एक अच्छे एंटी वायरस का उपयोग करें और फर्जी हैक , क्रैक और पाइरेटेड सॉफ्टवेयर से दूर रहें ।
आखिरी बात , पुराने बैंक स्टेटमेंट , खराब चेक , रसीद , अपने निजी दस्तावेजों आदि को टुकड़े करके ही फेंकें । अपने दस्तावेज और जानकारियां किसी भी रूप में साझा करते समय पहले उसके दुरुपयोग की आशंकाओं को जांच लें । साइबर क्राइम की बढ़ती चुनौतियों से लड़ने के लिए आत्म संयम और जागरूकता की दरकार है । तकनीक से भागें नहीं , बल्कि उसके बारे में जानकारियां बढ़ाएं । फूंक - फूंककर कदम रखें । भावनाओं में न बहें और न ही अति उत्साह में कदम उठाएं । साइबर संसार में जानकारी ही बचाव है । मदद मौजूद है भारत सरकार ने साइबर पीड़ित परामर्श केंद्र बनाए हैं । ये केंद्र अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करवाने , उचित परामर्श लेने , कानूनी विकल्पों को समझने या आवश्यक होने पर पुलिस सहायता प्राप्त करने में आपकी मदद करता है । झारखंड में साइबर अपराध रोकने के लिए बड़ी योजना तैयार की गई है। साइबर अपराध प्रभावित जिलों में आईटी विभाग की मदद से कार्रवाई की योजना राज्य पुलिस मुख्यालय ने तैयार की है। राज्य के जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, धनबाद और रांची जिले सर्वाधिक साइबर अपराध प्रभावित हैं। इन जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स के जरिए साइबर अपराधियों पर कार्रवाई होगी।। आप किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत निकटतम पुलिस थाने में भी संपर्क कर सकते हैं ।

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गांधीजी से सीखें साइबर सुरक्षा . . .
महात्मा गांधी के रूप डिजिटल इंडिया में आपके संयमित व्यवहार के लिए एक बड़ी मिसाल मौजूद है । देखिए कैसे -

तीन बंदर::  यानी
बुरा मत देखो ,
बुरा मत सुनो
और बुरा मत बोलो ।
सोशल मीडिया और इंटरनेट पर ' बुरा ' को नजरअंदाज करें । हेट स्पीच अथवा अनैतिक कंटेंट देखना , सुनना , बोलना , बनाना या बांटना - ये सब परेशानी को आमंत्रण देना है । फेक न्यूज या भ्रामक सूचना पर यकीन ना करें । टीवी , रेडियो या अखबारों की सहायता लें ।

• लाठी-  लाठी से हमें संभलकर , टटोलकर चलना और बुराई देखने पर उसे ' लाठियाना ' यानी रिपोर्ट करना सीखना होगा । किसी वेबसाइट पर जानकारी देते समय , किसी एप्लीकेशन अथवा सॉफ्टवेयर को इंस्टाल करते या लिंक पर क्लिक करते समय अच्छी तरह सोच - विचारकर , टटोलकर आश्वस्त होने के बाद ही प्रतिक्रिया दें ।

•चश्मा - यह हमें सूक्ष्म अवलोकन कर , . जांच - परख के अपने बुद्धि के चश्मे से देखने के बाद ही , किसी विचार , समाचार और प्रचार पर यकीन करने की सलाह देता है । साथ ही ओरिजिनल और फेक के बीच समझ को विकसित करने की सलाह देता है । इंटरनेट द्वारा विस्तार प्राप्त सोशल डा . मीडिया एक साधन है और संयमित इस्तेमाल करने से ही यह फायदेमंद है . अन्यथा यह आपका सारा समय चूस लेगा । अतः सोशल मीडिया और इंटरनेट पर टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखना घड़ी से सीखें ।
•खड़ाऊँ- यह व्यवहार - शुचिता को इंगित  करती है । अपने मन की गति को थामें , लालच में न पड़ें । किसी अनजान महिला से चैटिंग , विदेशी धनाढ्य की मरणोपरांत संपत्ति पाने का मौका और घर बैठे पचास हजार महीना कमाएं जैसे लालच में न पड़ें ।
•खादी बापू- वस्त्रों के मामले में बुनी हुई धोती और खादी की चादर ही इस्तेमाल करते थे । यह उनकी सादगी का परिचायक है । लिहाजा , सोशल मीडिया पर शो ऑफ न करें । अपनी पसंद - नापसंद आदि की जानकारी दें , किंतु एक सीमारेखा जरूर खींचे जो आपके निजी जीवन और निजता को दूसरों से दूर रखती हो ।

• चरखा - इससे हमें तकनीक में स्वावलंबी बनने की सीख मिलती है । पासवर्ड और निजी खातों की जानकारी , पिन आदि को किसी से साझा ना करें और कंप्यूटर व स्मार्टफोन पर अपनी जरूरत के कार्य खुद करना सीखें ।

ये हमारा मुहिम है साइबर अपराधियों के खिलाफ 
खुद की ज़िम्मेदारी खुद की हाथों मे होती है
सावधान रहें सतर्क रहें, जागरूक रहें और लोगों को भी जागरूक करें
हमारा ये आर्टिक्ल कैसा लगा आपको ,हमें जरूर बताएं अगर आपको अच्छा लगा तो Whatsapp और Facebook शेयर करना ना भूलें ताकि लोग जागरूक रहें ,धन्यवाद!


और भी यूजफुल नॉलेज के लिए ➡➡➡
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