ऊँट को रेगिस्तान का जहाज़ कहा है भारत में सर्वाधिक ऊँट कहाँ पाए जाते है?

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ऊँट को रेगिस्तान का जहाज़ कहा है भारत में सर्वाधिक ऊँट कहाँ पाए जाते है?

ऊंट भारत में सबसे ज्यादा राजस्थान में पाए जाते हैं, विश्व में अलग-अलग रेगिस्तान में अलग-अलग प्रजाति के ऊंट पाए जाते हैं, ऊंट की मुख्य दो प्रजातियां हैं जिसमें एक कूबड़ वाले तथा दो कूबड़ वाले प्रमुख है।

राजस्थान में सर्वाधिक एक कूबड़ वाले ऊंट पाए जाते हैं-

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रेगिस्तान का जहाज-: ऊंट
ऊंट एक सीधा-साधा तथा साधारण जानवर है, ऊंट सर्वाधिक रेगिस्तानी भागों में पाए जाते हैं राजस्थान में सर्वाधिक ऊंट बाड़मेर जिले में पाए जाते हैं राजस्थान के थार के मरुस्थल में ऊंट सवारी तथा बोझा ढोने का प्रमुख साधन है।
हालांकि वर्तमान में राजस्थान सरकार ने जून 2014 में ऊंट को फालतू राज्य पशु की श्रेणी में भी शामिल किया है।
इसके अलावा राजस्थान के बीकानेर जिले में उष्ट्र अनुसंधान केंद्र भी बना हुआ है।
ऊंट के पैर गद्दीदार होते हैं जो रेगिस्तान की कोमल रेत में फंसते नहीं है। जिस तरह से नाव या जहाज पानी में डूबती नहीं है उसी तरह ऊंट के पैर भी रेत में धंसते नहीं है। राजस्थान के मरुस्थल में पहले लोग एक गांव से दूसरे गांव में जाने तथा कृषि का माल ढोने के लिए ऊंट का ही उपयोग करते थे। इसके अलावा सवारी तथा व्यापार में भी ऊंटों का उपयोग किया जाता था। एक प्रसिद्ध प्रेम कहानी में भी यह बताया गया है कि अमरकोट का राजा महेंद्र लोद्रवा की राजकुमारी मूमल के पास ऊंट पर ही मिलने आता था और वह ऊंट एक रात में ही इतनी लंबी दूरी तय कर लेता था। सब पहले राजस्थान में अकाल पड़ जाता था तब राजस्थान के लोग ऊंट पर सवार होकर मालवा जाते थे।
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ऊंट लंबी दूरी तय करने के लिए जाने जाते हैं। अधिकांश रेगिस्तानी इलाके पानी की कमी से जूझते हैं। रेगिस्तान में किसी को लंबी यात्रा करनी है तो वह ऊंट पर ही करते हैं क्योंकि ऊंट 7 दिन तक भी प्यासा रह सकता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि 20-21 दिन तक बिना खाए रह सकता है।
जिस तरह समुद्र में व्यापार या किसी अन्य कार्य के लिए जहाज एक स्थान से दूसरे स्थान तक लंबे समय से सफलता पूर्वक पहुंच जाता है, उसी प्रकार ऊंट भी समुद्र रूपी रेगिस्तान की रेत पर भूखा व प्यासा रह कर भी अपने गद्दीदार पैरों से लंबी दूरी तय कर लेता है।
इसलिए ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है
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राजस्थान के जैसलमेर जिले के गोमट तथा नाचना के ऊंट विश्व प्रसिद्ध हैं।
इसके अलावा राजस्थान में ऊंटों का सबसे बड़ा मेला पुष्कर अजमेर में भरता है, जिसमें ऊंटों की खरीद-फरोख्त होती हैं। जैसलमेर के मरू महोत्सव में ऊंटों के करतब आकर्षण का केंद्र होते हैं। इसके अलावा राजस्थान के बीकानेर जिले में ऊंट महोत्सव का आयोजन किया जाता है। ऊंट के आभूषण "गोरबंध" पर राजस्थान का एक प्रसिद्ध लोकगीत भी हैं।
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